ज्ञान की ज्योति, क्यों बुझी?

यह सवाल आज हमारे समय में अधिक प्रासंगिक हो गया है। ऋषियों ने सदैव ज्ञान का महत्व ध्यान से बताया है। उनके के अनुसार, ज्ञान ही मनुष्य को मुक्ति का मार्ग दिखाता है। परन्तु आज हम देखते हैं कि ज्ञान की ज्योति धीरे-धीरे डूबती जा रही है। इसका कारण अनेक हो सकते हैं। उदाहरण के लिए आधुनिक जीवन में,

आलस्य तेजी से बढ़ रही है। यहाँ, लोग ज्ञान प्राप्त करने के लिए कम प्रयास करते हैं। उल्टे हमें ज्ञान की ज्योति को रोशनी में लाना होगा|

मस्तिष्क की ऊर्जा, कहाँ छिपी?

दुनिया तेज़ी से बदल रही है, और गहन समस्याएँ सामने आ रही हैं। ये सब देखते हुए, हमें इस बात का अहसास होना चाहिए कि हमारे आत्मिक क्षमताएँ कहाँ गई हैं? क्या हम अभी भी उस चुनौतीपूर्ण वातावरण में खड़े होकर अपनी बुद्धिमत्ता का उपयोग कर पा रहे हैं?

  • विचारों को साकार करना
  • अनुभवों से सीखना
  • नये दृष्टिकोण खोजना

हमें ज्ञान की ओर बढ़ना चाहिए। हमें सभी राय का सम्मान करना

अपने जीवन को उज्जवल बनाना हमारे लिए जरूरी है।

प्रेम भटकता है , पढ़ाई पर नहीं

पढ़ाई एक महत्वपूर्ण काम है। उसमें ध्यान और मेहनत की आवश्यकता होती है। परन्तु मन हमेशा चलता रहता, पढ़ाई पर नहीं रहता। यह एक महा-विपत्ति है जो छात्रों को नुकसान पहुंचाती है।

अगर आप पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं, तो मन भटकने से बचने के लिए कुछ {उपायलागू कर सकते हैं।

* सबसे पहले, एक शांत और अनुकूल वातावरण बनाएँ जहाँ आप पढ़ाई कर सकें।

* बातों को दूर रखें।

* अपने शिक्षक से सहायता माँगें , यदि आपको किसी विषय में कठिनाई हो रही है।

अपने मन पर प्राधान्य दें और पढ़ाई पर ध्यान दें। यह आपकी सफलता के लिए पढ़ाई में मन नहीं लगता महत्वपूर्ण है।

पढ़ाई का भार, ज़िंदगी में साज़ा

ज़िंदगी में परेशानी

पढ़ाई का भार बहुत ज़्यादा होता है। यदि वो सही तरीके से करने तो, ज़िंदगी में आसानी आती हैं।

अच्छे लोग पढ़ाई का उपाय मानते हैं और वो भी समय नए ज्ञान के लिए ख़र्च करने में लगाते हैं।

हालांकि|

पढ़ाई का परिणाम नहीं होता । दुनिया के सभी लोग पढ़ाई की तर्क को समझते हैं और वो अपनी ज़िंदगी खत्म करने में इसका इस्तेमाल करते हैं।

क्या किताबें अधूरी क्यों रह जाती हैं?

किताबों में महानता होती है। उनकी रचनाएँ हमें दुनिया के अलग-अलग आयामों से रूबरू कराती हैं। परंतु अक्सर, हम देखते हैं कि उनकी यात्रा अधूरी रह जाती है। यह इसलिए हो सकता है क्योंकि {लेखक कथाकार| कुछ कारणों से

लगन खोई, तो क्या होगा आगे?

यदि उसकी लगन खो जाएगी, तो आगे क्या होगा? यह एक दुविधापूर्ण स्थिति होती है। यदि आप अपनी लगन को खो चुके हैं, तो आपको यह तय करना होगा कि आगे जाना है या नहीं।

अक्सर हमें नए लक्ष्यों की खोज करनी पड़ती है।

यह जरूरी है कि आप अपनी कमजोरियों पर काबू पाएं और अपनी राह बनाएं ।

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